Blogging क्या है? Blogging कैसे शुरू करे? डोमेन नेम क्या है? पूरी जानकारी

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Blogging Kya Hai

Blogging Kya Hai? Blogging Kaise Kare? Puri Jankari Hindi Me | आज के दौर में हर कोई ब्लॉगिंग के बारे में जानता है, क्योंकि यूट्यूब पे कई कंटेंट क्रियेटर ब्लॉगिंग के बारे में जानकरी दे रहे है, लाखो करोड़ो रूपये के अर्निंग प्रूफ दिखा रहे है। इसी वजह से ब्लॉगिंग करने में इंटरेस्ट बढ़ रहा है। आज छोटे छोटे गाव में ब्लॉगर ब्लॉगिंग कर रहे है. महाराष्ट्र के बीड जिले में एक छोटासा पूरा गाँव ब्लॉगिंग कर रहा है।

ब्लॉगिंग करना आसान है, लाखो रूपये कमाए जा सकते है, लेकिन ब्लॉगिंग को सही ढंग से करने की जरूरत होती है। लेकिन नया ब्लॉगर यह नहीं समझ पाता कि Blogging कहां से शुरू करें और कैसे शुरू करें। लेकिन आज हम आपके लिए ब्लॉगिंग के बारे में स्टेप बाय स्टेप जानकारी देने वाले हैं।

ब्लॉगिंग कैसे शुरू करें? How to Start Blogging?

कई यूट्यूबर और ब्लॉगर ब्लॉगिंग के बारे में बहुत बढ़िया और डिटेल जानकारी देते। अपने इनकम प्रूफ बताते हैं, जिससे नए ब्लॉगर के लिए एक मोटिवेशन मिलता है, लेकिन उसके पीछे की कड़ी मेहनत और तकनीक किसी को नहीं दिखती।

Blogging की दुनिया में आने वाले हर नए ब्लॉगर के लिए यह समस्या होती है कि अपना ब्लॉग कहां से शुरू करें और कैसे शुरू करें। अगर आप ब्लॉगिंग करना चाहते हैं और कामयाब ब्लॉगर बनना चाहते हैं तो पहले यह बात समझ लीजिए कि ब्लॉगिंग क्या है? ब्लॉग क्या होता है? ब्लॉगिंग कैसे की जाती है, इसके बारे में बेसिक जानकारी होनी चाहिए और अगर आप हड़बड़ी में ब्लॉगिंग शुरू करना चाहते है, तो कृपया ऐसा ना करे, ब्लॉगिंग के बारे में पहले अधिक जानकारी प्राप्त करें।

आज हम आर्टिकल में डोमेन नेम क्या होता है? होस्टिंग क्या होती है? ब्लॉगिंग क्या होता है? ब्लॉगिंग कैसे किया जाता है? ब्लॉग कैसे लिखा जाता है? SEO क्या होता है? इनके बारे में डिटेल और स्टेप बाय स्टेप जानकारी दे रहे हैं।

ब्लॉगिंग शुरू करने से पहले आप अपना एक आइकॉन या गुरु चुन ले, आप एक ऐसा यूट्यूबर चुने जिसकी जानकारी, कंटेंट, उसके समझाने का तरीका आपको समझ और पसंद आता हो। ब्लॉगिंग करते समय एक से अधिक अपने गुरु या गाइड ना चुने।

उसमें आप ज्यादा कंफ्यूज हो जाओगे। इसलिए आप ऐसा करें, एक या दो आपको पसंद आनेवाले यूट्यूबर चुने उनके वीडियो देखें, उनकी और से दि जानेवाली जानकारी बारीकी से समझ ले। एक बार आपके दिल और दिमाग में ब्लॉगिंग का बेसिक कंसेप्ट समझ आने के बाद ब्लॉगिंग आपके लिए बहुत आसान हो सकती है।

आप अच्छे से समझ ले आप अगर एक से ज्यादा यूट्यूबर को फॉलो करते हो तो आप ज्यादा मुश्किल में पड़ जाओगे। क्योंकि ज्यादा जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश में आसान ब्लॉगिंग को कठिन समझने लगोगे। आप इस सारी जानकारी के जंजाल में इस तरह से उलझ जाओगे ब्लॉगिंग आपके लिए एक कठिन टास्क लगने लगेगा।

किसी भी यूट्यूबर और ब्लॉगर के इनकम प्रूफ को देखकर आप मोटिवेट ना हो। ऐसा करने से आप समय पर रिजल्ट ना आने से डिमोटिवेट हो सकते हो, इसलिए बहुत पेशेंस और समझदारी के साथ ब्लॉगिंग शुरू करें।

आप जिस भी कंटेंट क्रिएटर या यूट्यूब और को फॉलो करते हो उसे फॉलो करो और उनकी जानकारी पर विश्वास रखो। जितने भी कंटेंट क्रिएटर है उन्होंने ब्लॉगिंग को एक बिजनेस मॉडल बना दिया है जब आप एक से अधिक कंटेंट क्रिएटर के वीडियो देखोगे तो आपको यह लगने लगेगा आपको एक पेड़ कोर्स करने की जरूरत है।

क्योंकि हर क्रिकेटर ने अपना-अपना एक पेड़ कोर्स बनाया है, आपको उस कोर्स को खरीदने के लिए वह बार-बार उकसाते रहेंगे। आपको किसी भी तरह का पेड़ पोस्ट खरीदने की जरूरत नहीं है क्योंकि यूट्यूब पर एक से बढ़कर एक कंटेंट क्रिएटर मौजूद हैं, अगर आप उन्हें फॉलो करते हैं तो ब्लॉगिंग आपके लिए बहुत आसान हो जाएगी।

Blogging सीखते समय नोट्स बनाए | Make Notes While Learning Blogging

जब आप यूट्यूब पर किसी का फ्री कोर्स फॉलो करते हो, तो आप उसे बारीकी से समझे, जो बात आपको समझ ना आए उसे नोट डाउन करें, जो ट्रिक टिप या तकनीक आपको पसंद आए आप उसके नोट्स बनाएं। अगर आपको कोई दिक्कत आ रही है, उसको भी बाजू में नोट कर लें। आपको आने वाली दिक्कत के बारे में अलग-अलग सोर्स से जानकारी इकट्ठा करें, उससे यह होगा की आपके सारे डाउट दूर हो जाएंगे। स्कूल कॉलेज में आप जिस तरह से नोट्स बनाते थे, उसी तरह से बारीकी से नोट्स निकालें। उसे समझे और ब्लॉगिंग शुरू करें, आपके ब्लॉगिंग के करियर को कामयाब होने से कोई नहीं रोक सकता।

सही Niche सिलेक्ट करें | Select the Right Niche

आप अगर ब्लॉगिंग शुरू कर रहे हो तो सबसे पहले आप इनकम के बारे में सोचना बंद कर दो। अगर आपका ब्लॉग चल जाता है, तो इनकम अपने आप हो जाएगी। इनकम को सोचकर ब्लॉगिंग शुरु ना करो तो ही बेहतर है। क्योंकी आप डिमोटिवेट नहीं होगे।

आप किसी कंटेंट क्रिएटर का वीडियो देखकर सब्जेक्ट यानी नीच सिलेक्ट ना करें, आप अपने इंटरेस्ट के ऊपर नीच सिलेक्ट करें, यह आपके लिए बेहतर होगा। आप कभी भी ज्यादा पैसे आने की में या जल्दी पैसा कमाने के उम्मीद से नीच ना चुने।

आप अगर ज्यादा कंटेंट क्रिएटर के वीडियो देखते हो, तो आप सबसे ज्यादा कंफ्यूज हो जाओगे। क्योंकि हर क्रिएटर की एक स्पेशलिटी होती है, वह उसी हिसाब से आपको सुझाव देता है, या अपना कंटेंट बनाता है।

आपको फाइनेंस, स्पोर्ट्स, टेक, मोबाइल, गेमिंग, बिजनेस या एग्रीकल्चर जैसे किसी भी फील्ड के बारे में इंटरेस्ट है तो आप उस नीच को लेकर अपना ब्लॉग शुरू करें। ब्लॉगिंग में नीच सिलेक्शन बड़ी भूमिका निभाता है। अगर आप अपने इंटरेस्ट का निच नहीं चूनते तो आप जल्द ही ब्लॉगिंग से बोर हो जाओगे।

आप इनकम के लिए कभी भी ब्लॉगिंग ना शुरू करें, आपको आपके पसंद का नीच चुनना है। आप अगर इनकम देखकर मोटिवेट हो गए हो, तो आप खुद से एक सवाल जरूर करे। क्या मै नीच के बारेमे जानता हूं? अगर जवाब हां है तो आप उस नीच को जरूर चूने और बेशक ब्लॉगिंग शुरू कर दें।

पहले दिन से किसी भी फील्ड में पैसा कमाया नहीं जा सकता, आप किसी भी फील्ड में जाएं, उसे पहले समझने की जरूरत होती है। उस फील्ड के एडवांटेज और डिसएडवांटेज जानने की जरूरत होती है। वैसा ही ब्लॉगिंग के बारे में होता है। आप ब्लॉगिंग सीखने आए हो, तो पहले आप उसे सीख ले, समझ लें उसके बाद इनकम होगी।

आप यहां ब्लॉगिंग सीखने आए हो, ब्लॉगिंग जरूर सिखोगे, बस पेशेंस और ज़िद की जरूरत होती है। जब ब्लॉगिंग शुरू किया है, तो कुछ ना कुछ तो जग्गू सीखोगे। डोमेन, होस्टिंग खरीदना, वर्ड प्रेस इंस्टाल करना, कीवर्ड फाइंड करना, आर्टिकल लिखना, SEO करना जैसे बेसिक्स जरुर सीखोगे। जितना सिखोगे, उतना ब्लॉगिंग को समझ पाओगे, ब्लॉगिंग अपने आप कर पाओगे।

Niche क्या है? What is Niche?

ब्लॉगिंग के क्षेत्र में प्राय: प्रयुक्त होने वाले Niche शब्द का अर्थ श्रेणी या कैटेगरी होता है। जैसे ब्लॉग्गिंग अपने आप में एक कैटेगरी है उसी तरह SEO भी एक कैटेगरी में प्रविष्ट होती है।

हालांकि कुछ लोगों को यह भ्रम होता है कि Niche का मतलब Blog का Title होता है। लेकिन यह पूरा सच नहीं है। क्‍योंकि ब्‍लॉग का टाइटल ही उस पूरे ब्‍लॉग का कीवर्ड होता है। जबकि Niche कोई कीवर्ड नहीं होता बल्कि यह एक प्रकार का जोन या कैटेगरी होता है जिसके अंदर अलग-अलग कीवर्ड्स के आर्टिकल लिखे जाते हैं।

तो Niche एक Keyword नहीं बल्कि एक Category है, जब आप किसी एक कैटेगरी में आर्टिकल लिखना शुरू करते हैं।तो आपका Niche Tech या Tech होगा, अब इस Niche में कई सारे कीवर्ड चुने जा सकते हैं। इन कीवर्ड के जरिये आप अपने ब्लॉग का टाइटल तय कर सकते हैं। जैसे – टेक के बारे में जानकारी दे सकते है?

तो इस तरह से हम देखते हैं कि एक Niche के अन्दर हम कितने Article लिख सकते हैं। लेकिन क्या आपने ध्यान दिया कि Niche के अंदर आप कई Sub-Category को चुन सकते हैं और उन सभी Sub-Category पर आर्टिकल भी लिख सकते हैं।

उदाहरण के लिए ऊपर हमने एक आला ‘टेक’ के बारे में चर्चा की। अब हम मोबाइल, गैजेट्स आदि के अंतर्गत कई उप-विषयों पर लेख लिख सकते हैं। यह सब यहाँ बताने का मतलब है कि आप समझ सकते हैं कि Niche एक बहुत बड़ा टॉपिक है।

इसके अंदर कई सारे सबटॉपिक्स होते हैं और फिर इसके अंदर कीवर्ड्स होते हैं और ये कीवर्ड्स ही आपके ब्लॉग की हेडिंग का काम करते हैं। मतलब आपको Niche की बारीकियों को अच्छी तरह से समझने में सक्षम होना चाहिए, आखिर Niche Kya Hota Hai और Niche कैसे चुना जाता है।

कौनसे प्लेटफॉर्म पे ब्लॉग शुरू करे? On Which Platform to Start a Blog?

हर ब्लॉगर का एक बेसिक सवाल होता है, अपना ब्लॉग वर्डप्रेस पे शुरू करे या ब्लॉग स्पॉट, ब्लॉगर पे अपना ब्लॉग शुरू करें। क्योंकि ब्लॉगर एक फ्री प्लेटफॉर्म है, लेकिन उसकी कुछ लिमिटेशन्स हैं। वर्डप्रेस में ब्लॉग शुरू करने के लिए थोड़े से पैसे लगते हैं। लेकिन वर्डप्रेस नये ब्लॉगर को बहुत कुछ सिखाता है और सीखने को मिलता है।

इसलिए हमारा सुझाव रहेगा आप अपना ब्लॉग वर्डप्रेस पर ही शुरू करे। हाँ, इसमें थोड़ीसी इन्वेस्टमेंट लगती है, लेकिन फायदे बहुत सारे है, इसीलिए अपना ब्लॉग वर्डप्रेस पर ही शुरू करें। ब्लॉगर भी रैंक होता है, इंकम भी होती है, लेकिन आप बहुत कुछ सीख नहीं पाओगे। वर्डप्रेस में ब्लॉग शुरू करने से आप बहुत कुछ सिख सकते है।

फिर भी अगर आप फ्री में ब्लॉग शुरू करना चाहते हैं, तो ब्लॉग स्पॉट पर ना जाए एक कस्टम डोमेन खरीद कर आप अपना ब्लॉगिंग करियर शुरू करें। अगर डोमेन खरीदते हो तो आपको ब्रांड बिल्डिंग में आसानी होगी, आपका डोमेन और आपकी ब्लॉगिंग में अलग पहचान होगी। जब आप ब्लॉगर से वर्डप्रेस पर शिफ्ट होते हो तो आपके लिए आसानी होगी; क्योंकि डोमेन का ब्रांड नेम आपके साथ होगा।

ब्लॉगिंग किस भाषा में करें? In Which Language to Do Blogging?

हर नये ब्लॉगर का दूसरा बेसिक सवाल होता है की, ब्लॉग किस भाषा में शुरू करे। आप सबसे पहले ये समझ ले गूगल को आप के भाषा से कोई मतलब नहीं है। गूगल कंटेंट देखता है। आप जिस भाषा में लिखने के लिए खुद को कंफर्ट समझते हो उसी भाषा में ब्लॉग लिखना शुरू करो। मराठी, बंगाली, कन्नड़ हो या हिंदी किसी भी भाषा में लिखे, कोई फर्क नहीं पड़ता।

दुनिया में हिंदी समझने वालो संख्या 100+ करोड़ के आसपास है। उदा. महाराष्ट्र में मराठी पढने वाले 10 करोड़ लोग है, आप इसी से अंदाजा लगाये। प्रादेशिक भाषा में कितना बड़ा भविष्य है। आप एक बात समझ ले गूगल भाषा को नहीं कंटेंट को रैंक करता है। इंग्लिश में थोडा अर्निंग ज्यादा होता है, ये बात सच है लेकिन उसके लिए कई फैक्टर भी है।

डोमेन नेम क्या होता है? What is Domain Name?

डोमेन नाम आपकी वेबसाइट का नाम एवं पहचान है। डोमेन नाम वह पता है जहां इंटरनेट यूजर्स जिसके माध्यम से आपकी वेबसाइट तक पहुंच सकते हैं। डोमेन नाम का उपयोग इंटरनेट पर वेबसाइटों को खोजने और पहचानने के लिए किया जाता है।

कंप्यूटर IP पतों का उपयोग करते हैं, जो संख्याओं की एक सीरिज होती है। डोमेन नाम अक्षरों और संख्याओं का कोई भी कॉम्बीनेशन हो सकता है, डोमेन नाम के साथ विभिन्न डोमेन एक्सटेंशन जुड़े होते है। जैसे .com, .net, .org, .online, .in आदि एक्सटेंशन का उपयोग किया जाता है।

उपयोग करने से पहले डोमेन नाम पंजीकृत होना चाहिए। प्रत्येक डोमेन नाम यूनिक होता है। हर वेबसाइट का डोमेन नेम अलग होता है, दो वेबसाइट का डोमेन नेम एक जैसा नहीं होता, अलग अलग एक्स्टेंशन हो सकते है। जैसे domain.com / domain.in / domain.org अगर कोई www.webindiz.com टाइप करता है तो वह आपकी वेबसाइट पर जाएगा किसी और वेबसाइट पर नहीं।

डोमेन नाम दुनिया भर में उपयोग किए जाते हैं, खासकर नेटवर्क और डेटा संचार की दुनिया में। निम्नलिखित बिंदु बताते हैं कि वे कैसे काम करते हैं और उनका उपयोग कैसे किया जाता है।

डोमेन नाम में डॉट द्वारा अलग किए गए दो भाग होते हैं, जैसे domain.com डोमेन नाम का उपयोग सिंगल आईपी एड्रेस या आईपी एड्रेस के ग्रुप की पहचान करने के लिए किया जा सकता है।

एक होस्ट या संगठन एक विकल्प के रूप में एक डोमेन नाम का उपयोग कर सकता है, क्योंकि डोमेन नाम अल्फ़ान्यूमेरिक (सभी नंबरों के विपरीत) होते हैं, जिससे उन्हें याद रखना आसान हो जाता है। किसी वेबसाइट की पहचान करने के लिए URL के भाग के रूप में डोमेन नाम का उपयोग किया जाता है।

डॉट के बाद का भाग शीर्ष स्तर का डोमेन (TLD) या समूह है। जिसका डोमेन नाम की अलग पहचान बनाता है. उदाहरण के लिए .gov.in भारत सरकार के डोमेन के लिए TLD है।

Abbreviation (Extensions)
Full Forms
.com Commercial Internet Sites
.net Internet Administrative Site
.org Organization Site
.edu Education Sites
.firm Business Site
.gov Government Site
.int International Institutions
.mil Military Site
.mobi Mobile Phone Site
.int International Organizations site
.io Indian Ocean (British Indian Ocean Territory)
.mil U.S. Military site
.gov Government site
.store A Retail Business site
.web Internet site
.in India
.au Australia
.ae Arab Emirates
.sa Saudi Arabia
.us United States
.uk United Kingdom
.kh Cambodia
.th Thailand
.cn China
.vn Vietnam
.jp Japan
.sg Singapore
.nz New Zealand
.my Malaysia

डोमेन नाम की आवश्यकता क्यों है? Why is a Domain Name Needed?

इंटरनेट पर, आपका डोमेन नाम आपकी वेबसाइट की विशिष्ट ख़ास पहचान है। इंटरनेट पर ऑनलाइन मौजूदगी की योजना बनाने वाले किसी भी व्यक्ति, व्यवसाय या संगठन को एक डोमेन नेम की आवश्यकता होती है. किसी भी व्यक्ति, व्यवसाय या संगठन को डोमेन नेम में निवेश करना चाहिए।

आपका अपना डोमेन नाम, वेबसाइट और ईमेल पता होने से आपको और आपके व्यवसाय को एक प्रोफेशनल रूप मिलता है। व्यवसाय के लिए एक डोमेन नाम पंजीकृत करने का एक अन्य कारण कॉपीराइट और ट्रेडमार्क की रक्षा करना, विश्वसनीयता बनाना, ब्रांड जागरूकता बढ़ाना और सर्च इंजन की स्थिति बनाना है।

डोमेन नेम वेबसाइट के उद्देश्य की पहचान करता है। उदाहरण के लिए, यहाँ .com डोमेन नाम इंगित करता है कि यह एक व्यावसायिक साइट है। इसी तरह, गैर-लाभकारी संगठन .org का उपयोग करते हैं और स्कूल और विश्वविद्यालय आदि .edu डोमेन नाम का उपयोग करते हैं, और नेटवर्किंग से जुड़े संस्थान .net का उपयोग कर सकते है। नीचे दी गई सूची में आमतौर पर उपयोग किए जाने वाले डोमेन नाम और URL में उनके पूरे नाम सूचीबद्ध हैं।

डोमेन नेम रजिस्ट्रेशन कैसे करे? How to Do Domain Name Registration?

आप डोमेन नाम के रूप में किसी भी शब्द या वाक्यांश का उपयोग कर सकते हैं। यदि डोमेन किसी कंपनी के लिए है, तो आप अपनी कंपनी का नाम डोमेन में डाल सकते हैं, जैसे indiatoday.com, इस डोमेन को आप आसानी से न्यूज पोर्टल के रूप में पहचान कर सकते है. डोमेन नेम आपके ग्राहकों के लिए आपको इंटरनेट पर ढूंढना आसान साबित हो जाता है।

हालांकि एक लंबे डोमेन को याद रखना कठिन होता है, इसमें अधिक कीवर्ड हो सकते हैं, जो महत्वपूर्ण है क्योंकि कुछ सर्च इंजन अपने सर्च एल्गोरिदम के हिस्से के रूप में डोमेन नाम में कीवर्ड का उपयोग करते हैं। लेकिन उन डोमेन नामों से सावधान रहें जो बहुत लंबे हैं। डोमेन नेम की लंबाई आम तौर पर १५ वर्ड्स से ज्यादा नही होने चाहिए.

एक वेबसाइट बनाने के बाद, इंटरनेट पर अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए साइट को अपने स्वयं के डोमेन नाम की आवश्यकता होती है। आपके बिजनेस या व्यक्ति को खोजने में इस डोमेन नाम का उपयोग महत्वपूर्ण होता है. यूजर्स आपके द्वारा इंटरनेट पर प्रदान किए जाने वाले उत्पादों और सेवाओं को खोजने के लिए डोमेन नेम का उपयोग करते हैं। उदाहरण के लिए आप हमारे द्वारा बनाए गए टेक साईट को https://webindiz.com पर सर्च कर सकते हैं।हम कई अलग-अलग कंपनियों के

माध्यम से डोमेन नाम रजिस्टर करवा सकते हैं। डोमेन नाम रजिस्टर करने वाली कंपनियों को ‘डोमेन रजिस्ट्रार’ कहा जाता है। डोमेन नाम रजिस्ट्रेशन मुख्य रूप से उन्हीं कंपनियों द्वारा किया जाता है जिनके होस्ट सर्वर पर आप अपनी वेबसाइट अपलोड करते हैं। लेकिन हाल के दिनों में इस सिस्टम में बदलाव आया है, अब आप डोमेन रजिस्टर करने और वेब स्पेस खरीदने के लिए अलग-अलग कंपनियों को चुन सकते हैं।

कुछ लोकप्रिय डोमेन रजिस्ट्रार के नाम

  • Google
  • GoDaddy
  • NameCheap
  • ResellerClub
  • Bigrock.com
  • Sitecountry.com

इनके अलावा भी कई कंपनियां हैं जिनसे आप अपना डोमेन रजिस्टर करा सकते हैं। जब हम एक डोमेन रजिस्ट्रार की मदद से अपना डोमेन पंजीकृत करते हैं, तो वह एक निश्चित राशि के बदले हमें डोमेन कंट्रोल पैनल और उसका उपयोगकर्ता नाम, पासवर्ड प्रदान करता है।

इस उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड की मदद से, हम डोमेन कंट्रोल पैनल में प्रवेश कर सकते हैं और डोमेन के साथ वेब स्पेस प्रोव्हाईडर द्वारा प्रदान किए गए नेम सर्वर को लिंक कर सकते हैं। वेबसाइट को चालू करने के लिए यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य है।

डोमेन नाम के प्रकार | Domain Name Types

  • Top-level-Domains
  • Second-level-Domains
  • Third-level-Domains
  • Country Domains

Top Level Domains

ये टॉप लेव्हल डोमेन (Top Level Domain-TLD) डोमेन नाम एक्सटेंशन के रूप में जाने जाते हैं। एक TLD (Top Level Domain) एक डोमेन नाम का अंतिम घटक होता है। उदाहरण के लिए google.com में “com” Top Level Domain कहलाता है। 1985 में, इंटरनेट असाइन्ड नंबर्स अथॉरिटी (IANA) ने छह टॉप लेवल डोमेन नाम जारी किए। जो कि इस प्रकार के थे।

.com – Commercial का संक्षिप्त रूप है, .com आम उपयोग में आनेवाला पहला Top-level-Domain था। वैसे .com शुरू में वाणिज्यिक संगठनों (Commercial Organizations) द्वारा उपयोग के लिए बनाया गया था। लेकिन 1990 के दशक के मध्य तक .com व्यवसायों, वेबसाइटों और ईमेल के लिए सबसे लोकप्रिय और आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला  Top-level-Domain बन गया था।

.net – Network का संक्षिप्त रूप है। .net स्पष्ट रूप से उन संस्थानों के लिए बनाया गया था, जो नेटवर्किंग सम्बधित कार्यों से जुड़े होते हैं, जैसे कि इंटरनेट सेवा प्रदाता या एक इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी। पर धीरे धीरे यह डोमेन भी किसी भी organization द्वारा प्रयोग किया जाने लगा और यह अधिक लोकप्रिय शीर्ष-स्तरीय डोमेन में से एक बन गया। कई लोग इसे .com डोमेन का उपयोग करने के करीब दूसरे के रूप में देखते थे।

.edu – Education का संक्षिप्त रूप है। .edu शिक्षण संस्थानों के लिए बनाया गया था। .edu अमेरिका के शैक्षिक केंद्रों के लिए जारी किया जाता है और अन्य देशों के शैक्षिक संस्थान अपने देश-स्तरीय डोमेन के संयोजन में .edu का उपयोग करते हैं जैसे भारत में .in का प्रयोग किया जाता है|

.org – Organization का संक्षिप्त रूप है। .org गैर-सरकारी और सेवाभावी संस्थाओं के लिए बनाया गया था। जैसा कि हमने इन अन्य शीर्ष-स्तरीय डोमेन के साथ देखा है। की समय के साथ ऐसा नहीं हो पाया। इन दिनों .org का उपयोग गैर-लाभकारी संस्थाओं, लाभकारी व्यवसायों, स्कूलों और समुदायों द्वारा एक शीर्ष-स्तरीय डोमेन के रूप में किया जाता है।

.mil – Military का संक्षिप्त रूप है। .mil अमेरिकी सैन्य शाखाओं के लिए स्पष्ट रूप से बनाया गया था। अन्य विभिन्न प्रकार के शीर्ष-स्तरीय डोमेन के विपरीत, यह प्रतिबंध अभी भी कायम है।

.gov – Government का संक्षिप्त रूप है। यह डोमेन अमेरिका की सरकारी एजेंसियों और कर्मियों के उपयोग के लिए प्रतिबंधित है और अन्य देशों के सरकारी एजेंसियों अपने देश-स्तरीय डोमेन के संयोजन में .gov का उपयोग करते हैं जैसे भारत में .in का प्रयोग किया जाता है|

Second Level Domains

Second Level Domains जैसे webindiz.com और google.com मुख्य रूप से व्यक्तियों या संगठनों से संबंधित हैं। द्वितीय स्तर के डोमेन इंटरनेट अनुप्रयोगों जैसे वेब होस्टिंग और ई-मेल एड्रेसिंग को होस्ट करने के लिए उपयोग किए जाते हैं।

Second Level Domains नाम में अधिकतम 61 वर्ण हो सकते हैं। कई सालों तक अक्षर 26, 10 अंक और हाइफ़न वर्ण तक सीमित थे, लेकिन पहला और अंतिम वर्ण हाइफ़न नहीं हो सकता था।

Third-level-Domains

Third Level Domains उनके द्वारा डिज़ाइन किये जाते है। जिनके स्वयं के Second Level Domains होते है। Third Level Domains का उपयोग स्पेशल Purposes के लिये अलग-अलग Domains को सेट अप करने के लिये किया जाता है। जैसे कि एक WEB एक्सेस तथा एक मेल के लिये एक Domain या एक स्पेशल Purpose के लिये अलग साइट होते है।

  • www.webindiz.com.com
  • mail.webindiz.com.com
  • downloads.webindiz.com.com

Country Domains

दुनिया में हर देश का एक Unique Alphabetic Designation के साथ हि उनका स्वयं का टॉप-लेवल डोमेन होता है।

  • .in- India
  • .au- Australia
  • .at- Austria
  • .ca- Canada
  • .us- united state

वेब-स्पेस पंजीकरण | Web-Space Registration

आजकल कई कंपनियाँ अपने वेब सर्वर पर यूजर्स की साइट के लिए वेब स्पेस प्रदान करती हैं, जो कंपनी के सर्वर पर यूजर्जस के जरूरत के हिसाब से स्पेस प्रदान करती हैं, उन्हें ‘होस्ट सर्वर’ कहा जाता है। ये कंपनियाँ कई तकनीकी सुविधाएँ प्रदान करती हैं जैसे सॉफ्टवेयर तकनीकी सहायता प्रदान करती है, नये यूजर्स के लिए काफी मददगार साबित होती है।

अपने डोमेन के लिए वेब स्पेस, फिर उसके बाद आप FTP या होस्टिंग कंट्रोल पैनल की मदद से अपनी साइट की फाइलों को अपलोड कर सकते हैं, तभी यूजर्स इंटरनेट के जरिए आपकी साइट तक पहुंच सकते हैं। कुछ कंपनी जो अपने सर्वर पर स्थान उपलब्ध कराती हैं वह निम्नलिखित हैं।

  • GoDaddy
  • Bigrock
  • BlueHost
  • Sitecountry
  • HostGatorcds
  • CyberDairy Solutions

जब हम किसी होस्टिंग प्रोवाइडर से अपनी वेबसाइट के लिए स्पेस खरीदते हैं तो हमें एक होस्टिंग कंट्रोल पैनल मिलता है। जिसकी मदद से हम अपने साइड के कंटेंट को कण्ट्रोल कर सकते है।

कुछ लोकप्रिय कण्ट्रोल पैनल प्रोव्हाइडर

  • cPanel
  • Plesk
  • Webmin
  • zPanel

FAQ 

Q.डोमेन नेम क्या होता है?
A.डोमेन नाम आपकी वेबसाइट का नाम एवं पहचान है। डोमेन नाम वह पता है जहां इंटरनेट यूजर्स जिसके माध्यम से आपकी वेबसाइट तक पहुंच सकते हैं। डोमेन नाम का उपयोग इंटरनेट पर वेबसाइटों को खोजने और पहचानने के लिए किया जाता है।

Q.डोमेन नेम रजिस्ट्रेशन कैसे करे?
A. आप डोमेन नाम के रूप में किसी भी शब्द या वाक्यांश का उपयोग कर सकते हैं। यदि डोमेन किसी कंपनी के लिए है, तो आप अपनी कंपनी का नाम डोमेन में डाल सकते हैं।

 

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