Google is Afraid of ChatGPT : एक हफ्ते तक लगातार ChatGPT इस्तेमाल करने के बाद ही मैंने आपको बताया था कि यह टूल गूगल सर्च के अंत की शुरुआत जैसा है।
हालांकि आपकी राय इससे अलग हो सकती है, लेकिन अब गूगल के एक फैसले से साफ हो गया है कि ChatGPT ने गूगल सर्च (Google Search) के लिए दिक्कतें खड़ी करनी शुरू कर दी हैं।
चैटजीपीटी (ChatGPT) वास्तव में ओपन एआई नामक कंपनी द्वारा विकसित एक चैटबॉट है। एक हफ्ते में इस चैटबॉट के करोड़ों यूजर्स हो गए हैं और लोग इसे गूगल सर्च के प्रतिद्वंदी के तौर पर भी देख रहे हैं।
चैटजीपीटी क्या है, यह कैसे काम करता है और यह गूगल सर्च को कैसे मात दे सकता है?
हालांकि, न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चैटजीपीटी (ChatGPT) की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए गूगल ने कोड रेड जारी किया है। कंपनी के सीईओ सुंदर पिचाई ने टीम से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artifical Intelligence) यानी एआई उत्पादों पर ध्यान केंद्रित करने को कहा है।
एनवाईटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि गूगल की मूल कंपनी अल्फाबेट इंक के सीईओ सुंदर पिचाई ने गूगल एआई रणनीति को लेकर कई बैठकें की हैं।
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बताया जा रहा है कि इन मीटिंग्स का फोकस चैटजीपीटी से कैसे निपटा जाए यानी चैटजीपीटी से गूगल सर्च को संभावित खतरों के लिए क्या कदम उठाए जाएं।
NYT ने Google के कुछ आंतरिक मेमो और ऑडियो प्राप्त किए हैं, जिनकी समीक्षा के आधार पर रिपोर्ट की गई है। बताया गया है कि चैटजीपीटी (ChatGPT) से गूगल सर्च को कितना नुकसान हो सकता है और इससे कैसे निपटा जा सकता है, इसे लेकर कंपनी का प्रबंधन रणनीति तैयार करने में लगा हुआ है।
रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल रिसर्च ट्रस्ट और सेफ्टी डिवीजन समेत कुछ अन्य टीमों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित प्रोडक्ट लाने को कहा गया है। कुछ कर्मचारियों को एआई-आधारित टूल बनाने के लिए कहा गया है जो टेक्स्ट के आधार पर ग्राफिक्स बना सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि Open AI ने कुछ समय पहले DALL E को पेश किया था। DALL E का काम है कि आप उसे कुछ लिखेंगे और इसी आधार पर वह आपको ग्राफिक्स या आर्टवर्क बना देगा। DALL E भी ChatGPT की तरह लोकप्रिय हो गया है और इन दोनों टूल्स को Open AI ने तैयार किया है।
एक इनसाइडर रिपोर्ट के मुताबिक, 2013 से 2018 तक Google की विज्ञापन टीम का नेतृत्व करने वाले श्रीधर रामास्वामी का कहना है कि चैटजीपीटी (ChatGPT) की वजह से उपयोगकर्ता कम Google Search विज्ञापन लिंक खोलेंगे।
विज्ञापनों से कम खुले लिंक के कारण Google को बड़ा नुकसान हो सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में अल्फाबेट के कुल रेवेन्यू का 81% हिस्सा गूगल के एड लिंक्स से ही आया है।
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इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि चैटजीपीटी (ChatGPT) से गूगल सर्च (Google Search) को कितना बड़ा नुकसान हो सकता है। इसलिए जाहिर सी बात है कि Google चाहेगा कि ChatGPT जैसा प्रोडक्ट लाकर इस चैटबॉट को मात दी जा सके.
हालांकि Google के पास LaMDA प्रोजेक्ट भी है जो कुछ हद तक ChatGPT की तरह काम करता है। लेकिन अभी यह टूल टेस्टिंग के लिए सीमित लोगों के पास ही है और यह साफ नहीं है कि इसे कब सार्वजनिक किया जाएगा।
ChatGPT की बात करें तो Open AI द्वारा हर दिन ChatGPT में बदलाव किए जा रहे हैं। इस चैटबॉट में हर कुछ दिनों में नए फीचर जोड़े जा रहे हैं और ये अनुभव को और भी बेहतर बना रहे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, चैटजीपीटी को चलाने के लिए ओपन एआई को हर दिन करीब 30 लाख डॉलर यानी करीब 24.83 करोड़ रुपए खर्च करने पड़ते हैं।
यह कंपनी के समर्पण को भी दर्शाता है और यह भी लगता है कि आने वाले समय में इस चैटबॉट से Google को और नुकसान हो सकता है।